नई पेंशन स्कीम में सुधार की लगातार मांग के बीच, केंद्र सरकार ने डॉ. सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी का उद्देश्य नई पेंशन स्कीम में सुधार के लिए सुझाव देना था। कमेटी ने इस संबंध में विभिन्न पक्षों से विस्तार से चर्चा की और अपनी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत कीं, जिसके आधार पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी गई। इस स्कीम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिक सुनिश्चित और लाभकारी पेंशन व्यवस्था सुनिश्चित करना है।
केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी है। यह योजना उन मांगों का परिणाम है जो नई पेंशन स्कीम में सुधार के लिए की जा रही थीं। इस योजना का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और न्यूनतम पेंशन का आश्वासन देना है।
इस नई पेंशन योजना के विकास के लिए डॉ. सोमनाथ कमेटी का गठन किया गया था, जिसने विस्तृत चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की थी। आज, शनिवार, 24 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनमें से यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान प्रमुख था। इस स्कीम को नौकरी के बाद मिलने वाली पेंशन को ध्यान में रखते हुए लागू किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को पेंशन सुरक्षा मिलेगी।
क्या है यूपीएस, समझिए
सरकार द्वारा घोषित की गई नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस स्कीम के तहत:
- 10 साल की सरकारी नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों को 10,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी।
- यदि किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी को 60 प्रतिशत पेंशन दी जाएगी।
- जो कर्मचारी 25 साल की सेवा पूरी करेंगे, उन्हें रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीनों के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा।