Sahara Group- वित्त मंत्री ने कहा- अब तक 19,650 लोगों ने रिफंड मांगा, इनमें से 17,250 दावों का निपटारा हुआ.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार, 5 अगस्त को लोकसभा में बताया कि सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) Sahara Group की कंपनियों के मामलों की विस्तृत जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि SFIO की रिपोर्ट आने के बाद सहारा ग्रुप पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सहारा ग्रुप के खिलाफ चल रहे विभिन्न आरोपों और अनियमितताओं के मद्देनजर उठाया गया है।
लोकसभा में एक सवाल के दौरान पूछा गया कि सहारा ग्रुप की कंपनियों के सभी निवेशक रिफंड का दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आए हैं। इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सहारा ग्रुप के सभी मामलों की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चाहकर भी सहारा ग्रुप की कंपनियों के मामले में कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि हर चीज पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी है। उन्होंने कहा, ‘हम लगातार सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि सहारा ग्रुप के निवेशकों द्वारा किए गए 17,250 दावों का निपटारा कर दिया गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बाकी आवेदकों को अपने दावों के निपटारे के लिए और कागजात उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, ताकि उनकी दावेदारी पूरी की जा सके।
सरकार ने पिछले साल सहारा की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए ‘सहारा रिफंड पोर्टल‘ लॉन्च किया था। इस पहल की शुरुआत 5,000 करोड़ रुपए लौटाने से की गई थी। इस पोर्टल का उद्देश्य उन निवेशकों को राहत प्रदान करना है जिन्होंने सहारा ग्रुप की इन सोसाइटीज में निवेश किया था और अपने धन की वापसी के लिए इंतजार कर रहे थे।
सुब्रत रॉय और उनकी दो कंपनियों, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL), पर नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था। इन आरोपों के परिणामस्वरूप उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझें:
घटना का विवरण
- आरोप और अदालती कार्रवाई:
- 2008-09 में पैसे जुटाना: सहारा की कंपनियों ने 2008-09 में ऑप्शनली फुली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (OFCDs) के माध्यम से बड़ी संख्या में निवेशकों से पैसे जुटाए। SEBI ने इस पर आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि सहारा ने बिना नियामक अनुमति के अवैध तरीके से पैसा जुटाया है।
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश: 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने Sahara Group के प्रमुख सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया। यह राशि ब्याज सहित निवेशकों को वापस की जानी थी।
- सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी:
- गिरफ्तारी और जेल: अदालत के आदेश का पालन न करने पर, 2014 में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। वह करीब दो साल तक जेल में रहे।
- पैरोल: 2016 से सुब्रत रॉय पैरोल पर जेल से बाहर हैं। उनकी जमानत के लिए बड़ी राशि जमा करनी पड़ी थी।
- निवेशकों की समस्या और सरकार की कार्रवाई:
- निवेशकों की दावेदारी: Sahara Group में निवेश करने वाले लाखों निवेशकों ने अपने पैसे की वापसी की उम्मीद की थी। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई समस्याएं आईं, और निवेशकों को अपने धन की वापसी में देरी का सामना करना पड़ा।
- सहारा रिफंड पोर्टल: सरकार ने सहारा की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया। इसकी शुरुआत 5,000 करोड़ रुपए लौटाने से की गई थी। इस पहल का उद्देश्य उन निवेशकों को राहत प्रदान करना था, जो अपने धन की वापसी का इंतजार कर रहे थे।
- वर्तमान स्थिति:
- SFIO की जांच: सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) सहारा ग्रुप की कंपनियों के मामलों की विस्तृत जांच कर रहा है। SFIO की रिपोर्ट आने के बाद Sahara Group पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- निवेशकों की दावेदारी का निपटारा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 17,250 दावों का निपटारा कर दिया गया है और बाकी आवेदकों को अपने दावों के निपटारे के लिए और कागजात उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।