Bharat Ratna:केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक साथ पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की है। ये तीनों दिग्गज हस्तियां अलग-अलग क्षेत्रों से ताल्लुक रखती हैं. चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव पूर्व प्रधानमंत्री थे राजनीति में उनका अहम योगदान है जबकि एमएस स्वामीनाथन हरित क्रांति के जनक थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों शख्सियतों को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देने की जानकारी सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरों के साथ शेयर की।
जानें कौन थे पीवी नरसिम्हा राव? (who was PV Narasimha Rao?)
पीवी नरसिम्हा राव भारतीय राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सदस्य थे और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री भी बनाया गया था। उनका जन्म 28 जून 1921 को को तेलंगाना के करीमनगर में हुआ था। पीवी नरसिम्हा राव ने भारतीय राजनीति में लंबे समय तक सेवा की और उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया।
उन्होंने 1991 में भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन उनका कार्यकाल संकटों और आर्थिक समस्याओं के चलते छोटा रहा। पीवी नरसिम्हा राव को समर्थन प्राप्त नहीं हो सका और उन्होंने 1996 में इस्तीफा दिया।
पीवी नरसिम्हा राव का निधन 23 दिसम्बर 2004 को हुआ था। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
कौन थे एमएस स्वामीनाथन? Who was MS Swaminathan?
भारत रत्न सम्मान के लिए जिस तीसरी हस्ती के नाम का ऐलान किया गया है वो हैं- एमएस स्वामीनाथन. भारत में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु में हुआ था. हरित क्रांति अभियान के जरिए गरीब किसानों के खेतों में गेहूं और चावल की अच्छी उपज वाली किस्मों के पौधे लगाए गए थे. स्वामीनाथन ने प्रशासनिक पदों पर रहते हुए कृषि और किसान के लिए कई अनुसंधान कार्य किये. उन्होंने मैक्सिकन गेहूं के पौधों को भारतीय खेतों में पेश करने में मदद की और आधुनिक खेती के तरीकों को इजाद किया.
कौन थे चौधरी चरण सिंह ? Who was Chaudhary Charan Singh?
चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीतिक क्षेत्र के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उनका जन्म 23 दिसम्बर 1902चौ. चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हापुड़ की बाबूगढ़ छावनी के पास नूरपुर गांव में हुआ था। 1926 में मेरठ कालेज से कानून की डिग्री प्राप्त की। बागपत को कर्मस्थली बना प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। 29 मई 1987 को उनका निधन हुआ।
देश के पांचवें प्रधानमंत्री के तौर पर 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 चौधरी चरण सिंह ने अपनी सेवाएं दीं।